क्या ये माहिरा के नाम पर माहौल बनाने की कोशिश है ?

सिनेमा और संगीत हमेशा से दो देशों की सीमाओं के बीच सौहार्द बनाए रखने की कड़ी माना जाता रहा है। इस भावना के चलते ही भारत कई पाकिस्तानी कलाकारों को प्लेटफॉर्म मुहैया कराता रहा है। लेकिन इस बीच एक ऐसा बयान सामने आया है जो इस भावना पर संदेह पैदा करता है। फिल्म रईस का निर्देशन कर चुके राहुल ढोलकिया ने बयान दिया है कि भारतीयों ने पाकिस्तानी कलाकार के साथ गलत किया। राहुल ढोलकिया ने ट्विटर पर पाकिस्तानी कलाकार माहिरा खान के इंटरव्यू को शेयर करते हुए कहा कि कहीं न कहीं मुझे लगता है कि हम गलत थे. हमारे लोग भूल गए थे कि वह (माहिरा खान) एक कलाकार है, दुश्मन नहीं. हम एक कलाकार के तौर पर उसके अधिकारों से दूर रहे, ये गलत था । माहिरा आप बेमिसाल हो, रईस का हिस्सा बनने के लिए शुक्रिया. बता दें कि माहिरा खान ने शाहरुख खान के साथ आई फिल्म रईस में काम किया है और उसी वक्त उरी आतंकी हमले के बाद कुछ संगठनों ने पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने की मांग की थी। रईस की रिलीज के सालभर बाद निर्देशक राहुल ढोलकिया ने पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान का समर्थन किया।
दरअसल दुबई में माहिरा खान से इस फिल्म को लेकर हाल में सवाल किया गया था, इस पर माहिरा खान ने कहा कि शाहरुख, राहुल, रितेश बत्रा या फिर फरहान अख्तर सभी का साथ बेहद शानदार रहा। हम सबसे बढ़कर हमारी फिल्म थी। हम सबसे से कहीं बढ़कर हमारी फिल्म थी, जिसने हमें एक सूत्र में पिरोया। फिल्म को रिलीज की जरूरत थी, इसने अच्छा प्रदर्शन किया। इस इंटरव्यू को देखने के बाद निर्देशक राहुल ढोलकिया ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और इस इंटरव्यू के साथ अपने विचार भी ट्विटर पर शेयर कर दिए । 
तो सवाल उठता है कि क्या वाकई बॉलीवुड इतना बुरा है ? भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के साथ नाइंसाफी होती है क्या भारतीय सिनेमा जगत में इनटॉलेरेंस है अगर हां तो फिर कैसे कई पाकिस्तानी कलाकार भारत में रहकर अपने मुल्क से ज्यादा सम्मान और शौहरत पा रहे हैं ?  जैसे सोनम कपूर के साथ खूबसूरत फिल्म करने वाले फवाद खान जिनकी भारत में खासी फैन फोलोइंग हैं, सिंगर से एक्टर बने अली जफर , संगीत की दुनिया में राज करने वाले आतिफ असलम, पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली और बॉलीवुड की हर हिट फिल्म के गाने में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाले राहत फतेह अली खान। ये कुछ ऐसे नाम हैं जिनको भारत में खासा पसंद किया जाता है।
हालांकि ये बात भी सच है कि भारत में कई बार पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने की भी मांग उठती रही है । समय- समय पर शिवसेना और मनसे की तरफ से इनका विरोध किया जाता रहा है लेकिन विरोध के सुर के बावजूद बॉलीवुड ने एक सुर में पाकिस्तानी कलाकारों का समर्थन कई बार किया है जैसे बॉलीवुड स्टार सलमान खान ने खुद पिछले साल पाकिस्तान के कलाकारों के बॉलीवुड में काम करने का समर्थन किया था । उनका कहना था कि कलाकार और आतंकवाद दो अलग बाते हैं. क्या कलाकार टेरेरिस्ट होते हैं ? वो वीजा लेकर आते हैं, कौन देता हैं उनको वीजा, वर्क परमिट हमारी गवर्मेंट ही देती है। कई मौकों पर बॉलीवुड ने पाकिस्तानी कलाकारों को सिर- आंखों पर बैठाया है । इसके इतर पिछले साल पाकिस्तानी सिनेमा चेन 'सुपर सिनेमा' ने भारतीय फिल्मों पर रोक लगा दी थी । बता दें कि पाकिस्तान की फिल्म इंड्रस्टी 70 फीसदी हॉलीवुड और बॉलीवुड पर टिकी है । पाकिस्तान अपने दम पर एक साल में कम से कम 50- 60 फिल्में भी नहीं बना पता है। वहीं पाकिस्तानी कलाकार भारत में खासी शौहरत कमा रहे हैं।
 इस स्थिति में क्या माहिरा हमें माफ कर दो कहकर हम अपने ही लोगों पर सवाल नहीं खड़े कर रहे ?  क्या हम पाकिस्तानी कलाकारों को पहचान देने वाले बॉलीवुड को बेदर्द साबित कर रहे हैं

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