ममता दीदी..तेरी ये जिद्द ले डूबेगी ! बंगाल की शेरनी के नाम से जानी जाने वाली ममता बनर्जी सत्ता सुख के लिए इस कदर उतावली हो गई हैं कि अब उन पर ना कोर्ट की फटकार का असर हो रहा है ना जनता के विरोध का। आप कह सकते हैं कि सत्ता की चाह ने दीदी को अंधा कर दिया है मगर क्या वोट के लालच में किसी राजनेता का इस तरह व्यवहार करना ठीक है ? सत्ता की जिस चाहत के चलते वो बंगाल की विलेन बनती जा रही हैं कहीं वही चाहत उनके पतन का कारण ना बन जाए ? वैसे कहा भी जाता है कि “ विनाश काले विपरीत बुद्दि ”, तो कहीं दीदी के ये कर्म उनके विनाश काल की ओर तो नहीं बढ़ रहे हैं ? दीदी को इस बार भी कोर्ट से उसी जिद्द पर फटकार लगी हैं जिस पर पिछले साल कोर्ट ने कहा था कि ये फैसला साफतौर पर एक समुदाय विशेष को खुश करने के लिए लिया गया है ममता बनर्जी की नज़र पश्चिम बंगाल के उन 30 फ़ीसदी मुसलमानों पर है मगर ऐसा करते वक़्त वो शायद उस 70 फीसदी आबादी को भूल गई हैं जो कि बहुसंख्यक है। चलिए अब आपको दीदी की उन संभावित पांच बड़ी गलतियों के बारे में बताते हैं जो आने वाले समय में उनको सत्ता की गद्दी से दूर कर सकती है .... ...