 
  गीतों  का  राजकुमार  –  शैलेंद्र    अपनी धुन के पक्के और शब्दों के जादूगर गीतकार और कवि शैलेंद्र का आज जन्मदिन है.. उनके सम्मान में मथुरा की एक सड़क का नाम उनके नाम पर ही रखे जाने की आज घोषणा की गई है...क्योंकि उन्होंने अपने बचपन से जवानी तक 16 बरस मथुरा की गलियों में ही बिताए थे..शैलेंद्र का फिल्मी जगत में योगदान अविस्मरणीय है...उनके गीतों की खनक आज भी लोगों के जहन में यूं ही बनी हुई है..शैलेंद्र के गीत ऐसे निच्छल थे, जिसमें कोई बनावट नहीं थी, हर सुनने वाले को लगता था कि ये तो मेरा ही दर्द और मेरी ही कहानी है... ‘’ सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी ’’  जैसे गीत के माध्यम से शैलेंद्र ने एक बड़ी बात को भी बहुत आसानी से कह दिया था...और सच ही है अगर होशियारी सिख ली होती तो कैसे हिंदी सिनेमा जगत को एक ऐसा सच्चा गीतकार मिलता, जिसके गीत रुह को छू जाते..झूठ और फरेब से शैलेंद्र को नफरत थी, सच पर मर मिटने की जिद थी, चाहे तो उन्हें अनाड़ी कह लो ये उन्हें स्वीकार था मगर अपने आदर्शों और सच से समझौता नहीं ।     शैलेंद्र के पिता बिहार के रहने वाले थे, फौजी थे। शैलेंद्र का जन्म रावलपिंड़ी में हुआ,प...